आज 03/07/2021 को एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय ने उप कुलपति को छः सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
एसएफआई ने पहली मुख्य मांग ये उठाई कि विश्विद्यालय को छात्रों के लिए जल्द से जल्द खोला जाए। विश्वविद्यालय और देश के विभिन शिक्षण संस्थान काफी लंबे समय से महामारी के चलते बंद रहे है जिसके चलते पूरे देश और प्रदेश के छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ा है एक ओर महामारी का प्रकोप और दूसरी तरफ विश्वविद्यालय का छात्रों के प्रति नकारात्मक रवैया भी चिंता का विषय है। एसएफआई ने पहले भी विश्वविद्यालय को खोलने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की है लेकिन हमेशा की तरह विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया नकारात्मक ही रहा है। आने वाले समय में छात्रों की परीक्षाएं होने जा रही है लेकिन महामारी के चलते छात्र अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से नहीं कर पाया है उससे इस दौरान बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के दबाव के चलते विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को खोल दिया गया है लेकिन जो छात्र छात्रावास में रहते है वे अभी भी लाइब्रेरी जाने में सक्षम नहीं है क्योंकि विश्वविद्यालय के छात्रावास अभी भी बंद पड़े हैं इसलिए एसएफआई मांग करती है की विश्वविद्यालय के छात्रावास को भी जल्द से जल्द खोला जाए।विश्वविद्यालय को बंद रखने के पीछे छिपी विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा भी साफ जगजाहिर है विश्वविद्यालय में VC द्वारा की जा रही अवैध भर्तियों को छुपाया जा सके ।ताकि प्रशासन और VC द्वारा की गई फर्जी भर्तियों की सचाई छात्रों के समक्ष न आ सके और कोई भी उसका विरोध न कर सके।
एसएफआई ये भी मांग करती है कि विश्विद्यालय को खोलने के साथ ही विश्वविद्यालय के अंदर स्थाई वैक्सीनेशन सेंटर सभी स्टूडेंट्स ,टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए रखा जाए ताकि कोई भी छात्र वैक्सीनेशन से वंचित न रहे और छात्र अपने आप को विश्वविद्यालय मे सुरक्षित महसूस कर सके। इसके साथ हम देखते है कि पिछले डेढ़ साल पहले विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा पंचायत सहायक और नॉन टीचिंग स्टाफ की परीक्षाओं के फॉर्म भरे गए हैं लेकिन अभी तक उनकी परीक्षाओं को नही कराया गया है उसके बाद भी अभी प्रशासन अपनी हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है। एसएफआई मांग करती है की इन परीक्षाओं को भी शीघ्र ही करवाया जाए ताकि जो छात्र इन परीक्षाओं की तयारी कर रहा है उसे राहत प्रदान की जा सके।
एसएफआई मांग करती है कि विश्वविद्यालय आने वाले सत्र की प्रवेश परीक्षाओं को जल्द करवाने की कोशिश करे, क्योंकि पिछले वर्ष विश्विद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षाएं न करवा के मेरिट के आधार पर विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रवेश किया। प्रशासन ने उस वक्त महामारी की आड़ मे बहुत छात्रों से उनके समान अवसर के अधिकार के साथ खिलवाड़ किया है,इसलिए एसएफआई मांग करती है कि अभी से प्रशासन द्वारा प्रवेश परीक्षाओं की तयारी की जाए ताकि प्रदेश के सभी छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने का समान मौका मिल सके।
एसएफआई ने बताया कि जैसे हम सभी जानते है और ये अनुभव भी किया जा रहा कि हमारे देश के अंदर कोरोना की 3rd wave आने की संभावना है जिसके लिए प्रशासन को चाहिए कि वो पहले से ही इसके लिए जरूरी तयारी कर।
एसएफआई ने अपने ज्ञापन मे प्रशासन को सुझाव भी दिए हैं जिनको प्रशासन कोरोना की 3rd wave मे अमल मे ला सकती है और छात्रों को सुरक्षा के साथ साथ उनकी पढ़ाई को भी सुचारू रख सकते है। एसएफआई ने सुझाव दिए हैं कि
1. छात्रों के प्रैक्टिकल एग्जाम को उनके बैच वाइस कराया जाए । 2.लाइब्रेरी के अंदर फेस शील्ड को लगाया जाए ताकि लाइब्रेरी की सिटिंग कैपेसिटी को बड़ाया जा सके।
3. विश्वविद्यालय परिसर को सैनिटाइज किया जाए जिसमे हॉस्टल,लाइब्रेरी,डिपार्टमेंट, रेजिडेंस आदि शामिल हो।
4. एसएफआई मांग करती है कि यदि आने वाले समय मे कोरोना की 3rd wave के चलते अगर विश्वविद्यालय ऑनलाइन क्लासेज की ओर जाता है तो प्रशासन छात्रों को मुफ्त डाटा प्रदान करे,ताकि छात्र अपनी क्लासेज और पढ़ाई को सुचारू रूप से कर सके क्योंकि हम जानते है कि विश्विद्यालय प्रशासन छात्रों से उनकी फीस ले चुका है लेकिन कोरोना के चलते पूरे वर्ष भर कोई भी फिजिकल क्लासेज नही हुई है इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ये जिम्मेवारी बनती है कि वे छात्रों को मुफ्त डाटा प्रदान करे या उनकी फीसों में उन्हें राहत प्रदान करे।
इसके साथ ही एसएफआई ने मांग की है कि उन सभी छात्रों के लाइब्रेरी कार्ड जो छात्र चौथे सेमेस्टर में है या जिनकी एडमिशन खत्म होने वाली है को तब तक बढ़ाया जाए जब तक परीक्षाएं न हो, ताकि छात्र अपनी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी का उपयोग कर सके।
अतः एसएफआई प्रशासन से मांग करती है कि शीघ्र अति शीघ्र इन सभी मांगों पर काम किया जाए अन्यथा एसएफआई छात्रों को लामबंद करते हुए प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगी।
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