अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य पर वैचारिक चिंतन कार्यक्रम का आयोजन.. रिपोर्ट : कपिल ठाकुर

आज दिनांक 14 अप्रैल को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर  जी की  जयंती के उपलक्ष्य पर वैचारिक चिंतन कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसमें सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव डॉ सुरेंद्र शर्मा जी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे । इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी जी ने स्वागत उद्वोधन में  कहा कि आज 14 अप्रैल को हम बाबा साहेब भीमराव  आंबेडकर जी की 130 वी  जयंती मना रहे है उन्होंने कहा कि वर्तमान भारत के स्वरूप को गढ़ने में बाबा साहेब का स्वर्णिम योगदान रहा है , बाबा साहेब मानते थे कि प्रत्येक भारतीय की पहचान सबसे पहले एक भारतीय के रूप में है और  राष्ट्र ही सर्वोपरि है ।
मुख्यातिथि महोदय  डॉ शर्मा जी ने बाबा साहेब को याद करते हुए उनके  सामाजिक न्याय के सिद्धांत  में कहा कि बाबा साहेब का कहना था कि जब तक समाज में महिला का आदर नहीं होगा वास्तव में तब तक सामाजिक विकास अधूरा रहेगा , महिलाओं का विकास ही समाज का वास्तविक विकास है , उन्होंने कहा कि एबीवीपी का विचार परिवार पूर्णतः बाबासाहेब जी के विचारों का सम्मान करता है और उनके दिखाई हुए दिशा पर  अग्रसर है , उन्होंने कहा कि आज के समय में विडबना हो गई है कि कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी अबेड़कर के उन विचारों पर ही   अडे रहते हैं जिन से वो राजनीतिक फायदे हो सके ।बाबा साहेब जी हिन्दुओं में भेदभाव का पुरजोर विरोध करते थे  उन्होंने हमेशा ही हिन्दुओं में भेदभाव ,कुर्तियों , समाजिक अन्याय को दूर करने का प्रयास किया ।और सफल भी रहे  ,लेकिन कभी किसी धर्म विशेष के विरोधी नहीं रहे । 
 उन्होंने कहा कि भारत की एकता के लिए अभी भी बाबासाहेब जी के दिखाएं हुए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का विचार है कि समरसता के बिना स्वतंत्रता निरर्थक है। 
वैचारिक चिंतन में मोनिका जी ने कहा कि  वास्तव में समाज को  समाज ही एक कर सकता है , भेदभाव कुर्तियों को दूर करने का एकमात्र ओर सही तरीका समाज को शिक्षित कर समाज को भेदभाव मुक्त करना है ।  
 वैचारिक चिंतन में कर्मपाल जी, मंजीत जी ,मोनिका जी, विशाल जी ,  वर्तमान संदर्भ में बाबा साहेब के विचारों की प्रसंगीगत  और भूमिका के बारे में अपना अपना वक्तव्य रखा ।
 अंत में समापन उद्बोधन में इकाई मंत्री आकाश जी ने कहा कि  भविष्य का भारत शिक्षित  युवाओं के कंधे  पर ही निर्भर है जो विचार और दिशा बाबासाहेब ने दिखाएं है उन पर चलने की आवश्यकता है । 
गौर हो कि अभाविप द्वारा आयोजित इस वैचारिक चिंतन कार्यक्रम में विभिन्न छात्र , शोधार्थियों व शिक्षाविदों ने वर्तमान समय में विवेकानंद जी के विचारों की प्रासंगिकता , समरस भारत  - श्रेष्ठ भारत व सामाजिक न्याय में अम्बेडकर जी की भूमिका इन विषयों पर अपना वक्तव्य रखा।
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