*बेलगाम महंगाई से जनता त्रस्त, सरकार मूकदर्शक : रोहित ठाकुर*

*बेलगाम महंगाई से जनता त्रस्त, सरकार मूकदर्शक : रोहित ठाकुर*

बेलगाम महंगाई का सबसे ज़्यादा असर ग़रीब और मध्यम वर्ग पर पड़ रहा हैं जिस कारण समाज में तेज़ी से असमानता बढ़ती जा रही है। यह बात कांग्रेस नेता व जुब्बल-नावर-कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने मीडिया में ज़ारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार जनता को मंहगाई से राहत देने में विफ़ल रही हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि 5 महीने पहले हिमाचल व अन्य राज्यों के विधानसभा उप चुनाव में भाजपा को मिली हार के चलते केन्द्र व प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल के दामों में कटौती की थी । उन्होंने कहा कि 10 मार्च को विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा सरकार द्वारा दामों में हर दिन लगातार वृद्धि करने से पैट्रोल-डीज़ल के दाम  ₹100 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि पैट्रोल-डीज़ल में लगातार हो रही मूल्यवृद्धि के चलते माल भाड़ा ₹2 रुपए प्रति किलोमीटर तक बढ़ गया हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पैट्रोल-डीज़ल पर भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार मानमानें तऱीके से टैक्स वसूलती रही और अब यूक्रेन और रूस की लड़ाई का बहाना बनाकर पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों को बढ़ा रही हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल को आय का मुख्य साधन बना कर रख दिया हैं और दक्षिण एशिया में सबसे महंगा पेट्रोल-डीज़ल भारत में बिक रहा हैं। उन्होंने कहा कि  पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल 2014 में पैट्रोलियम पदार्थो में डीज़ल पर केंद्रीय आयात शुल्क ₹3 रुपए प्रति लीटर व पैट्रोल पर ₹9 रुपए प्रति लीटर था वहीं केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार ने 21 अक्तूबर 2021 तक अप्रत्याशित वृद्धि कर पैट्रोल और डीजल  दोनों पर आयात शुल्क बढ़ाकर ₹32 रुपए प्रति लीटर कर दिया था। रोहित ठाकुर के कहा कि वितीय वर्ष 2020-21 में केंद्र की भाजपा सरकार ने जनता से पैट्रोलियम पदार्थो पर ₹4.5 लाख करोड़ वसूलें जो कि अकेले ही सभी स्त्रोतों से अर्जित आय का 28% प्रतिशत हिस्सा हैं। इसी प्रकार सरकारी आकड़ो के अनुसार केंद्र की भाजपा सरकार ने 8 वर्षो के कार्यकाल में पैट्रोलियम पदार्थो पर आयात शुल्क और टैक्स के रूप में जनता से 26 लाख 51,919 करोड़ रुपए आयात शुल्क के रूप के वसूलें हैं। उन्होंने कहा कि  एक रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.07 फीसदी पर पहुँच गई हैं, जो पिछले 8 महीने में सबसे उच्चतम स्तर पर है। उन्होंने कहा कि मकान बनाना बहुत महंगा हो गया है। सरिया, सीमेंट, रेत-बजरी आदि के मूल्यों में एकाएक अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं। गत दो महीनों में  सरिया की कीमत में प्रति क्विंटल 30 फीसदी की वृद्धि हुई हैं। गत दो महीने में सरिया के रेट ने करीब ₹2,000 रुपये की वृद्धि के साथ अपना रिकॉर्ड बनाया है इसके साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में सरिया बहुत ही महंगा मिल रहा हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि सीमेंट बढ़कर 465 रुपये प्रति बैग तक हो गया हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अग्रणी बिजली पैदा करने वाले राज्यों की श्रेणी में आता हैं इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में 20% प्रतिशत की वृद्धि कर  दी। कृषि व बागवानी क्षेत्र में उपयोग होने वाली फफूंदनाशक, कीटनाशक दवाईयों, उर्वरक, सेब पैकिंग सामग्री के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि की गई हैं । उन्होंने अंदेशा जताते हुए कहा कि पैट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने से माल भाड़े में हुई वृद्धि का असर कृषि बाग़वानी क्षेत्र से सम्बंधित आवश्यक वस्तुओं की  कीमतों पर निश्चित रूप से पड़ेगा। रोहित ठाकुर ने कहा कि हाल ही में रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर की क़ीमत बढ़कर ₹1050 रुपये हो गई हैं जबकि व्यवसायिक गैस सिलेंडर की क़ीमत ₹250 रुपये की वृद्धि के साथ ₹2302 रुपए पहुँच गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में दैनिक उपभोग की वस्तुओं सरसों का तेल,आटा-चावल, दाल, सब्जी और साबुन से लेकर जरूरत के हर सामान की कीमतें बढ़ गई हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि देश व प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही और दूसरी ओर सरकार मंहगाई पर भी लगाम लगाने में विफ़ल साबित हुई हैं। 


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