प्रदेश में सूखे की मार झेल रहे सूबे के बागवानों पर कार्टन (खाली डिब्बे) के दाम बढ़ने से दोहरी मार... थिंक दा बिग, एन जी ओ

थिंक द बिग गैर सरकारी संस्था कोटखाई ने हिमाचल सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में सूखे की मार झेल रहे सूबे के बागवानों पर कार्टन (खाली डिब्बे) के दाम बढ़ने से दोहरी मार पड़ गई है।इस वक्त लोगों को सेब की फसल को भीषण गर्मी से बचाना मुश्किल हो रहा है और साथ ही में सेब और गुठलीदार फलों के कार्टन की कीमतों का बढ़ना चिंता का विषय बन गया है।गुठलीदार फलों के कार्टन में बीते साल के मुकाबले करीब पांच रुपये तक वृद्धि हुई है।कार्टन के रेट बढ़ने से बागवानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है। कार्टन पर जीएसटी की दरों में छह फीसदी की बढ़ोतरी से दाम बढ़े हैं। 12 से बढ़कर जीएसटी 18 फीसदी हो गया है।कार्टन के रेट बढ़ने से बागवानों को नुकसान हो रहा है।कारण यह भी बताया जा रहा है कि स्टार्च, क्राफ्ट पेपर, स्टीचिंग वायर, स्टेपिंग रोल सहित मैन पावर, स्पेयर पार्टस और मेंटेनेंस में बीते साल के मुकाबले 50 से सौ फीसदी बढ़ोतरी हुई है जिससे कार्टन के रेट बढ़े हैं। कहा जा रहा है कि कार्टन तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाला क्राफ्ट पेपर दो सालों में 23 से बढ़ कर 52 रुपये प्रति किलो हो गया है।थिंक द बिग एन जी ओ कोटखाई के सभी सदस्यों ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है और अध्यक्ष अभिमन्यु कंवर ने कहा है कि सरकार बागवानों के लिए कार्टन पर जीएसटी या तो माफ़ करें या फिर न्यूनतम 6 फीसदी तय करे। उन्होंने कहा है कि जिस तरह मौसम बहुत गर्म हो चुका है और बागवान अपने सेब की गुणवत्ता खोने से परेशान हो रहे हैं ऐसे में सूखे की मार झेल रहे बागवानों को राहत देने के लिए सरकार को कार्टन पर सब्सिडी देने की तुरंत घोषणा करनी चाहिए।
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