कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जिला कमेटी ने हाल ही में प्रदेश में लगातार भारी वर्षा के कारण हुई जान माल की भारी क्षति पर गम्भीर चिंता व्यक्त की

 कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जिला कमेटी हाल ही में प्रदेश में लगातार भारी वर्षा के कारण हुई जान माल की भारी क्षति पर गम्भीर चिंता व्यक्त करती है तथा केंद्र सरकार से मांग करती है कि इस आपदा से पैदा हुई भयावह स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस त्रासदी को *"राष्ट्रीय आपदा"* घोषित किया जाए और राहत व पुनर्वास के लिए राज्य को उदार सहायता प्रदान करे। पार्टी जिन लोगों की जान गई है उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करती है तथा जिन लोगों के मकान गिर गए हैं व अन्य किसी प्रकार का नुकसान हुआ है उनके लिए सरकार से मांग करती है कि उनके पुनर्वास के लिए तुरन्त उचित राहत प्रदान करे। जो लोग अभी भी इस आपदा के चलते कही लापता हैं तो उनको ढूंढने के लिए सेना, एनडीआरएफ व अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद ली जाए।
          इस आपदा के चलते प्रदेशभर में जान माल की भारी क्षति हुई है तथा सरकार के प्राथमिक आंकलन के अनुसार अभी तक 5000 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है और काफ़ी लोगो की जाने भी गई है। अभी भी कई क्षेत्रों का संपर्क टूटा होने के कारण इस आपदा से हुए नुकसान का पता नही चल पा रहा है। यह नुकसान इससे काफी अधिक होगा और सरकार के पास संसाधनों के अभाव में इससे उभरने में कई वर्ष लग सकते है। इस आपदा से प्रदेश भर में मूलभूत आवश्यकताएं जिसमें पानी, बिजली, सड़के, परिवहन व अन्य संचार के माध्यम बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में आज इनकी गंभीर समस्या बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह से लोग पीने के पानी व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित हैं।
         राजधानी शिमला व इसके साथ लगते क्षेत्रो में आज भी पेयजल की आपूर्ति सुचारू नही हो पाई है और कई इलाको मे अभी भी 6 से 8 दिन से पानी उपलब्ध नही हो पाया है। जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति भी की गई है उनमें भी अधिकांश लोगो को प्रेशर उचित न होने के कारण पानी की आपूर्ति उचित मात्रा में नही हो पाई है। टैंकरों के माध्यम से भी सभी को उचित मात्रा में पानी नही मिल रहा है। कई क्षेत्रों में तो अभी भी पानी की आपूर्ति सही रूप से नही की जा रही है और इससे विशेष रूप से ध्याड़ी मजदूरी करने वाले व सुबह नियमित रूप से काम पर जाने वाले कर्मचारियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आज शिमला शहर में सभी पेयजल आपूर्ति करने वाली स्कीमों से 32 MLD से अधिक आपूर्ति शुरु हो गई है। यदि पूर्व का अनुभव देखा जाए तो इतने पानी से एक दिन छोड़कर आपूर्ति की जाए तो इससे सभी शहरवासियों को समय सारिणी के अनुसार अधिक समय तक पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा सकती है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी तथा जैसे ही सभी स्कीमों से पानी की आपूर्ति सामान्य हो जाती है तो हररोज पानी की नियमित आपूर्ति समय सारिणी के अनुसार की जाए।
          इस आपदा के चलते परिवहन के एकमात्र विकल्प सड़कों व पुलों को भारी क्षति हुई है। इससे प्रदेश में सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग व सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रत हुए हैं जिससे आज आवश्यक वस्तुओ जिसमें राशन, दूध, ब्रेड , रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, व अन्य आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति प्रभावित होने से इनकी कमी हो गई है। सरकार युद्धस्तर पर सभी मार्गों की मुरम्मत कर परिवहन सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करे ताकि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति हो सके। सड़को के क्षतिग्रस्त होने से किसान बागवान अपने उत्पाद मंडियों तक नही पहुंचा पा रहे हैं जिसके चलते काफ़ी सारी सब्जियों व फलों की तैयार फसल सड़ रही है और किसानो व बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार इस नुकसान का शीघ्र आंकलन कर इन्हे उचित मुआवजा प्रदान करे।
         सीपीएम प्रदेश की जनता से अपील करती है कि इस आपदा व संकट की घड़ी में आपसी सहयोग व सदभाव से एक दूसरे की सहायता कर इसका मुकाबला करे। पार्टी ने सभी कमेटियों व इकाइयों से आह्वान किया है कि इस आपदा की घड़ी में जनसहयोग से प्रभावितों की हर संभव मदद की जाए।
संजय चौहान
जिला सचिव।
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