*कोरोना काल में जनता बदहाल, सुध लें डबल इंजन सरकार: रोहित ठाकुर



*कोरोना काल में जनता बदहाल, सुध लें डबल इंजन सरकार: रोहित ठाकुर*

वैश्विक कोरोना महामारी में जहां हर दिन हज़ारों बहुमूल्य जानें जा रही हैं वहीं जनता के एक बड़े वर्ग को तेज़ी से ख़त्म होती आजीविका से गम्भीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा हैं। यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने ज़ारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि  बेलगाम मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी और ग़रीबी ने कमर तोड़ कर रख दी हैं जिस कारण आत्महत्याओं की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण पेट्रोलियम पदार्थों में केंद्र सरकार द्वारा की गई अप्रत्याशित वृद्धि है, केंद्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर ₹33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। उन्होंने कहा कि भारत अभी पिछले वर्ष की -8% (माइनस) प्रतिशत की विकास दर  से उबर नहीं पाया था कि दूसरी लहर ने देश की पूरी आर्थिकी को हिला कर रख दिया हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मंहगाई पिछले दो महीनों से अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी हैं और खाद्य पदार्थों तेल, दालों के दामों में रिकॉर्डतोड़ वृद्वि हुई हैं। अप्रैल माह में थोक महंगाई दर 10.49% उच्चतम स्तर पर पहुँच गई जबकि मार्च में 7.39% प्रतिशत  थी। पेट्रोलियम एवं खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी उछाल के साथ मई माह  में महंगाई दर 14:% प्रतिशत तक जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।  एक अध्ययन में सामने आया है कि जहां पिछले वर्ष देश में 4.3 प्रतिशत जनता गरीबी रेखा में आएं थे , अब कोरोना की दूसरी लहर में बढ़कर 8% प्रतिशत हो गए हैं और पिछले वर्ष  से अभी तक  8.5 करोड अतिरिक्त लोग गरीबी रेखा में आ गए हैं । कोरोना के चलते दुनिया भर में गरीब और अमीर के बीच में तेज़ी से असमानताएं बढ़ती जा रही हैं।  कोरोना महामारी की दूसरी लहर में  आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ने से बेरोजगारी दर बढ़कर  14.5% प्रतिशत हो गई है जो कि अप्रैल में 8% थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी तरीक़े से लागू करने के लिए जरूरतमंद  बच्चों को पीएम केयर फण्ड से स्मार्टफोन दिए जाने चाहिए।  रोहित ठाकुर ने राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने सरकार से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को नवोदय स्कूल में भर्ती करने का सुझाव दिया हैं। लॉकडाउन के चलते राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों में कच्चे माल की कमी के चलते  प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस जा रहे हैं। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लॉकडाउन रहने तक ₹6000 रुपये प्रति माह  देने की व्यवस्था होनी चाहिए, यह राशि न्यूनतम मजदूरी के बराबर है।  पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए अगले 6 महीने तक जरूरतमंद को मुफ्त अनाज दिया जाए।  शहरी क्षेत्रों के लिए मनरेगा जैसी समांतर योजनाएं बनाई जाएं व मनरेगा कार्य दिवस को 150 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। कोरोना से सेवा क्षेत्र, पर्यटन उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग,  छोटे दुकानदार, सब्जी विक्रेता, दिहाड़ीदार मजदूर, टैक्सी चालक सहित छोटे व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं।  रोहित ठाकुर ने संकट की इस घड़ी में सरकार की पहल से बैकों की EMI को आगामी हालत सामान्य होने तक टालने के साथ-2 ऋण पर भी  ब्याज माफ़ करने की मांग की हैं। पीएम किसान योजना के तहत बेहद कम राशि दी जा रही है जो ऊँट के मुँह में ज़ीरा के समान हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इसे ₹500 से बढ़ाकर ₹6000 रुपये प्रति माह  किया जाए।  जनता, किसान और मजदूरों की क्रय शक्ति (खरीदने की क्षमता) को बढ़ाने बारें भी सरकार कदम उठाए ताकि देश की आर्थिकी का भी सुधार हो। कोरोना के चलते शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से प्रभावित हो गई हैं।  पर्यटन उद्योग का प्रदेश की विकास दर में 18% योगदान है।  उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में पर्यटन उद्योग पूरी तरह से प्रभावित हुआ है जिसे बचाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। कोरोना से निपटने के लिए कुछ राज्य बेहद प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रदेश सरकार को भी कुछ महीनों के लिए अन्य निधियों और गैरजरूरी ख़र्च में कटौती कर इस राशि को स्वास्थ्य सुविधा और टीकाकरण बढ़ाने पर ख़र्च करना चाहिए। 

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