प्रभारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की शिमला जिला कमेटी हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारी यूनियन के चुनाव में विजयी सभी पदाधिकारियों को दी बधाई

। इसके साथ ही साथ विश्विद्यालय के तमाम कर्मचारी वर्ग को इस बड़ी जीत का हकदार मानती है जिन्होंने सरकार व प्रशासन के हर प्रकार के दबाव को नजरअंदाज कर सीधे रूप में बीजेपी समर्थित सभी उम्मीदवारों को नकार दिया है। यह परिणाम बीजेपी की केंद्र व राज्य की सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व आमजन विरोधी नीतियों तथा विश्विद्यालय प्रशासन के तानाशाहपूर्ण व भेदभावपूर्ण रवय्ये के विरुद्ध जनादेश है।
              बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध आज मजदूर, किसान, कर्मचारी व अन्य वर्ग इनका विरोध कर रहे है। सरकार पूरे तानाशाहपूर्ण रवय्ये से आज देश व प्रदेश में मजदूर व किसान के साथ ही साथ कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। आज सरकार ने सभी विभागों में नियमित भर्तियों पर रोक लगा रखी है और समस्त भर्तियां ठेका, आउटसोर्स, पार्ट टाइम व अन्य रूप में की जा रही है और इसमें अपने चेहतो को लाभ दिया जा रहा। बीजेपी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में मई, 2003 से व देश मे जनवरी, 2004 से पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर नई राष्ट्रीय पेंशन योजना(NPS) आरम्भ कर कर्मचारियों के अधिकार को समाप्त किया है। आज कर्मचारी दशकों तक अपनी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्ति के पश्चात अपना जीवन यापन करने से  भी वंचित कर दिया गया है। पेंशन कर्मचारी का हक़ है और इसको सरकार द्वारा इस प्रकार से नई योजना के रूप में लाकर समाप्त करना बिल्कुल भी न्यायउचित नही है। यह कर्मचारी विरोधी निर्णय है व सरकार को तुरंत इस कर्मचारी विरोधी NPS को निरस्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर कर्मचारियों को उनका हक देना चाहिए।
               सीपीएम सरकार की इन कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध चलाए जा रहे कर्मचारियों के आंदोलन का पूर्ण रूप से समर्थन करती है तथा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इन आमजन व कर्मचारी विरोधी नीतियों को बदलने के लिए संघर्ष करेगी।
संजय चौहान

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