*शिक्षा व्यवस्था बेहाल, शिक्षकों के पद खाली: पंचायती राज प्रतिनिधि*
जुब्बल तहसील के दुर्गम क्षेत्र और उत्तराखड की सीमा से लगती पंचायत सोलंग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलंग में अध्यापकों के पद रिक्त होने से 100 छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया हैं। यह बात पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा,बीडीसी सदस्य बलबीर पोष्टा, प्रधान ग्राम पंचायत सोलंग पवन कुमार, पूर्व प्रधान हेमा पोष्टा, उप प्रधान मेहर सिंह आदि ने प्रेस में ज़ारी सयुक्त ब्यान में कहीं। उन्होंने कहा कि रा०व०माध्यमिक पाठशाला सोलंग में अधिकतर बच्चे गरीब वर्ग से सम्बंधित शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं और शिक्षक न होने से अभिभावकों को बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही हैं। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलंग में मेडिकल और नॉन मेडिकल संकाय बिना अध्यापकों के चल रहा हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक पाठशाला में सभी महत्त्वपूर्ण विषय के अध्यापकों के पद रिक्त चल रहें हैं जिससे कक्षा छठी से दसवीं के छात्रों की पढ़ाई बाधित हो गई हैं। स्कूल में प्रिंसिपल सहित टीजीटी मेडिकल, टीजीटी नॉन-मेडिकल, लेक्चरर हिंदी, टीजीटी आर्ट्स, शास्त्री, पीईटी और एलटी के पद रिक्त पड़े हैं और अध्यापकों के कुल 14 स्वीकृत पद में से 9 पद काफी समय से रिक्त पड़े हैं। पंचायतीराज प्रतिनिधियों ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा के चार साल के कार्यकाल में जनता को शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा हैं। एक ओर जहां कोरोना काल ने शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया हैं वहीं दूसरी ओर सरकार के उदासीन रवैये के चलते स्कूलों में शिक्षकों का अभाव हैं जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया हैं।
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