सेब बाहुल क्षेत्र में उप तहसील स्तर पर आधुनिक मिट्टी जांच केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाए! मिट्टी जांच के प्रति बागवानों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर अभियान चलाया जाए! यह बात चेतन बरागटा ने प्रेस को जारी बयान मे कही!
बरागटा ने कहा कि सेब बाहुल्य क्षेत्र में बागवान जानकारी के अभाव में धड़ल्ले से उर्वरकों का इस्तेमाल बगीचों मे कर रहे हैं! मिट्टी की जांच किए बिना ही उर्वरकों का इस्तेमाल बागवानी के लिए घातक हो सकता है! मिट्टी जांच के लिए उप तहसील स्तर पर आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करना आवश्यक है! ताकि भूमि में उपलब्ध नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश आदि तत्वों और लवणों की मात्रा और मिट्टी की पीएच मान का पता चल सके! क्षेत्र में पर्याप्त सरकारी प्रयोगशालाएं नहीं है! सरकारी प्रयोगशालाओं में मिट्टी की जांच केवल सात से आठ पैरामीटर्स पर ही की जाती है! जबकि निजी लैब में मिट्टी की जांच 20 से 21 पैरामीटर ऊपर होती है! जिस कारण मिट्टी की सही जांच के लिए कई प्रगतिशील बागवानों को निजी प्रयोगशालाओं में अधिक पैसे देकर मिट्टी की जाँच करवानी पड़ रही है!
इसलिए सरकार उप तहसील स्तर पर आधुनिक मशीनों से लैस मिट्टी जांच केंद्र को स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए! मिट्टी में जांच के बाद ही उर्वरकों का इस्तेमाल करने के प्रति बागवानों को घर द्वार जाकर जागरूक किया जाए! ताकि बगीचों में हो रहे उर्वरकों के अधिक इस्तेमाल को कम किया जा सके!
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