शिमला/रामपुर, 15 मई : हिमाचल प्रदेश के रामपुर उपमंडल में एक महिला ने जंगल की पगडंडी पर ही शिशु को जन्म दिया। ये इस कारण संभव हुआ, क्योंकि 108 के ईएमटी शमशेर सागर रास्ते में प्रसव पीड़ा से कराह रही अंजू नेगी तक पूरी रफ्तार में पैदल ही पहुंचे।
जंगल में प्रसव करवाते 108 कर्मी व नवजात शिशु
दरअसल, सुबह 10 बजे पनाशी गांव से प्रेम सिंह ने 108 को सूचित किया कि अंजू नेगी की प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी है। तुरंत ही खनेरी से एंबूलेंस रवाना हो गई। 11ः06 बजे एंबूलेंस उस जगह पर पहुंच गई, जहां से अंजू नेगी को अस्पताल ले जाया जाना था। मरीज को मौके पर न पाकर ईएमटी शमशेर सागर ने प्रेम सिंह को फोन किया।
सूचना मिली कि प्रसव पीड़ा इतनी अधिक है कि अंजू को किसी भी हालत में सड़क तक पहुंचाने की स्थिति में नहीं है। तुरंत ही ईएमटी शमशेर सागर ने सहयोगी चालक सुनील कुमार के साथ जरूरी सामान के साथ पैदल ही मौके तक पहुंचने का निर्णय लिया। 108 के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर पाया कि महिला असहनीय प्रसव पीड़ा से गुजर रही है।
गौरतलब है कि 108 की टीम 6 से 8 मिनट में ही महिला तक पहुंच गई थी। करीब 11ः15 बजे सफल प्रसव भी करवा दिया था। खुले आसमान के नीचे ही काफी मशक्कत के बाद 108 कर्मियों ने जंगल के रास्ते में ही अंजू नेगी का प्रसव करवा दिया। 108 के मुताबिक जच्चा व बच्चा सुरक्षित हैं, उन्हें खनेरी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
कुल मिलाकर 108 के कर्मियों की कर्त्तव्य परायणता की बदौलत ही अंजू नेगी का जंगल में सफल प्रसव हो पाया। दीगर है कि प्रसव के बाद 108 कर्मियों ने नवजात शिशु व महिला को सड़क तक पहुंचाने में भी अहम जिम्मेदारी निभाई।
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