बागवानों को hpmc व हिम्फेड में नही मिल रहे उत्पाद।
आजकल बागवान लगातर hpmc के चक्कर काट रहे है। क्योंकि बागवानों को सेब की पर्ची के एगेन्स्ट मिलने वाली राहत के तौर पर tso ,फुफन्दीनाशक दवाइयां, खाद एवं कृषि उपकरण नही मिल रहे है। जिससे बागवानों में परेशानी का सबब बना हुआ है। आश्चर्य की बात यह है कि जिला शिमला से प्रदेश सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री ,एक cps एवं केबिनेट रेंक के लोग शामिल है। गौरतलब है कि सभी नेता सेब बाहुल क्षेत्र से सम्बन्ध रखते है।
अटल विहारी वाजपेयी इंजीनिरिंग कालेज के पूर्व चेयरमैन व पूर्व मण्डल उपाध्यक्ष अशोक जस्टा ने बताया कि सभी नेताओं का सेब बागवानों से कोई सरोकार नहीं है। यदि सरोकार होता तो इनमें से कोई भी नेता बागवानी विभाग अपने पास लेता। जिससे कि बागवानों को सीधे रूप से लाभ पहुंचाया जा सकता था। पूर्व मण्डल उपाध्यक्ष अशोक जस्टा ने बताया कि सभी नेताओं का सेब बागवानों से कोई सरोकार नहीं है। अशोक जस्टा ने कहा है कि रोज बागवान बाघी , रेवघाटी, दरगोटी पंचायत से रोज hpmc कार्यालय आते है और खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है । जिला शिमला से एक मंत्री तो ऊपरी शिमला में आम के पौधे की नई प्रजाति लाने की बात कर रहे है। जोकि हास्यास्पद है तथा क्षेत्र के सेब बागवानों के साथ भद्दा मजाक किया है।चुनावों के समय ऐब बागवानों के हितैषी बनने वाले कांग्रेसी नेताओं की कथनी व करनी में बहुत फर्क है। बागवानों ने इस बात को समझ लिया है। यदि जल्द hpmc में खाद , स्प्रे ऑयल व खाद उपलभ्ध नही हुई तो जनता सड़क पर उतरने को मजबूर हो जायेगी।
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