चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं। गंभीर रोगियों समेत गर्भवती महिलाएं कतार में हैं लेकिन ओपीडी शुरू नहीं हो पा रही है। दो घंटे का इंतजार मरीजों की जान पर भारी भी साबित हो सकता है। चिकित्सकों की पेनडाउन हड़ताल के दौरान देखने को मिला। सुबह साढ़े नौ बजे, से मरीजों का अस्पतालों में आना शुरू हो जाता है ऐसे में उन्हें अस्पतालों की ओपीडी के बाहर खड़े रहकर डाक्टरों का इंतजार करना पड़ रहा है।
वहीं कुछ चिकित्सक मांगों को लेकर पेनडाउन हड़ताल पर हैं।
वहीं डाक्टरों का कहना है कि उनकी मुख्य मांग पंजाब पे-कमीशन की सिफारिशों को लेकर थी। पंजाब वेतन आयोग के तहत डॉक्टरों को प्रैक्टिसिंग अलाऊंस 25 से 20 प्रतिशत कर बेसिक वेतन से डी लिंक करने का प्रदेश भर के डॉक्टरों ने एकमत से विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ ने गंभीर चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी जिम्मेवारी को पूरी निष्ठा से निभा रहे है, कहा कि सरकार के ऐसे फैसले डॉक्टरों के मनोबल को गिराते हैं। डॉक्टरों का एकटुक जबाब है कि जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तब तक इसी तरह दो घंटे के लिए प्रतिदिन पेनडाऊन हड़ताल जारी रहेगी व इमरजेंसी में अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे।
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