भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी प्रदेश सरकार के डॉक्टरों की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया की निंदा करती है

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPI-M) 

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी प्रदेश सरकार के डॉक्टरों की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया की निंदा करती है और मांग करती है कि डॉक्टरों की मांगों का तुरंत हल निकाला जाए ताकि लोगों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाई जा सके ।

कोविड-19 के खिलाफ डॉक्टरों ने प्रदेश में लोगों की जान बचाने तथा महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाई है सरकार को जहां इन को सम्मानित करना चाहिए था  वही इनके  आर्थिक लाभों को कम किया गया है मेडिकल ऑफिसर उनकी पे स्केल पर सीलिंग लिमिट 247665 घटाकर 218600 कर दी गई है इससे इनको ₹19000 का घाटा हो रहा है नॉन प्रैक्टिस भत्ता 25% से घटाकर 20% कर दिया गया है नई भर्ती हुए डॉक्टरों को बेसिक पे स्केल जो 57100 की जगह 40% कम ₹34000 मिल रहा है जबकि उनकी मांग है कि यह पूरा बेसिक पे स्केल इन्हें मिलना चाहिए इसके साथ ही मेडिकल अफसरों को 4-9-14 का लाभ भी नहीं मिल रहा है 

सीपीआईएम डॉक्टरों की सभी मांगों का समर्थन करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि उनकी जायज मांगों को मानकर हड़ताल को तुरंत समाप्त किया जाए ताकि मरीजों को हो रही परेशानियों को दूर किया जा सके ।

राज्य सचिव 
डॉ ओंकार शाद

9418023950
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